झाड़ियों में फेंकी लाश: पत्नी अपने बॉयफ्रेंड से करती थी बात तो पति ने कर दी हत्या, आरोपी ने पुलिस को किया गुमराह

ग्वालियर. अफसर पत्नी के चरित्र पर डॉक्टर पति को इतना शक हुआ कि उसने पहले पत्नी को गला दबा कर मारा फिर लाश को झाड़ियों में ले जाकर आग लगा दी. पति का कहना है कि पत्नी अपने बॉयफ्रेंड से लगातार बात करती थी. पहले तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने सबूत दिखाए तो उसने जुर्म कबूल कर लिया.
भू-अभिलेख विभाग में सहायक लेखा अधिकारी सूर्या सिंह की बेरहमी से हुई हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने बताया कि सूर्या के पति डॉ. संजय सिंह को अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका थी, जिसके चलते संजय ने सूर्या को मौत के घाट उतार दिया. पूछताछ के बाद पति ने गुनाह कबूल कर लिया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को 30 साल की सूर्या घर से ऑफिस जाने के लिए निकली थीं, लेकिन देर शाम वापस नहीं लौटीं. काफी देर इंतजार के बाद उनके पति डॉक्टर संजय सिंह ने थाटीपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. शनिवार दोपहर कलेक्ट्रेट रोड पर मेट्रो टावर के पास एक अधजली लाश मिली. परिवार वालों ने पति संजय और उनके रिश्तेदारों पर हत्या करने का आरोप लगाया था.
झाड़ियों में फेंकी थी पत्नी की लाश
शनिवार को मेट्रो टावर के पास झाड़ियों में महिला की लाश मिली थी. मरने वाली का चेहरा जला हुआ था, लेकिन वो सोने की चेन और अंगूठी पहने हुए थी. खबर मिलने पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस मौके पर पहुंची. कंट्रोल रूम से सभी थानों को खबर दी गई. थाटीपुर पुलिस ने बताया कि सूर्या नाम की महिला अधिकारी लापता है, लिहाज़ा शिनाख्ती के लिए पुलिस ने पति संजय सिंह को बुलाया, लेकिन उन्होंने पत्नी सूर्या को पहचानने से इनकार कर दिया.
बहन ने पहचाना बहन को
पुलिस ने मायके वालों को बुलाकर शिनाख्त कराई तब जाकर उनकी पहचान हो सकी. सूर्या की बहन अनामिका ने लाश पर मौजूद अंगूठी और सोने की चेन के आधार पर उनकी शिनाख्त की. अनामिका ने बताया कि बहन सूर्या की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी, 25 लाख का दहेज़ दिया गया था, लेकिन उनके जीजा डॉक्टर संजय सिंह और रिश्तेदार सूर्या को 25 लाख रुपए का दहेज और देने के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. जब दहेज़ नहीं मिला तो संजय और रिश्तेदारों ने मिलकर उनकी बहन सूर्या की हत्या कर दी.
आरोपी ने पुलिस को किया गुमराह
आरोप है कि शुक्रवार को आरोपी डॉक्टर संजय ने पत्नी सूर्या की गला दबाकर हत्या कर दी थी. 24 घंटे लाश घर में रखी और शनिवार तड़के लाश को बोरे में भरकर स्कूटर से मेट्रो टावर के पास फेंका और आग लगा दी. लाश के पास सोने के जेवरात देख कर पुलिस ने किसी करीबी द्वारा हत्या की वारदात को अंजाम देना माना था. संजय से पूछताछ हुई तो उसने गुमराह किया, लेकिन CCTV में संजय स्कूटर पर बोरा रखकर ले जाते दिखा तो पुलिस की सख्ती से वो टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया.